Kerala Nurse Nimisha Priya Case : विदेश मंत्रालय के दवारा मंगलवार को यह स्पष्ट किया कि यमन की जेल में सजा काट रहीं केरल की नर्स निमिशा प्रिया की मौत की सजा रद्द होने की खबरें गलत हैं मंत्रालय के सूत्रों ने कहा – निमिशा प्रिया मामले को लेकर कुछ व्यक्तियों द्वारा साझा की जा रही जानकारी सटीक नहीं है .
इससे पहले भारत के ग्रैंड मुफ्ती कांतापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय की ओर से दावा किया गया था कि यमन में निमिशा प्रिया की मौत की सजा आधिकारिक रूप से रद्द कर दी गई है। बयान में कहा गया था कि सना में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पहले से स्थगित सजा को पूरी तरह रद्द करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें यमनी सरकार से इसका आधिकारिक लिखित आदेश अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।
जानिये क्या है निमिशा का पूरा मामला?
38 वर्षीय निमिशा प्रिया केरल के पालक्काड जिले की रहने वाली हैं। वे 2008 में बेहतर रोजगार अवसरों की तलाश में यमन चले गयी थी और राजधानी सना में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ साझेदारी में क्लिनिक चला रही थीं।
समय के साथ दोनों के संबंध बिगड़ गए और अब सब कुछ सामान्य नही था आरोप है कि महदी ने प्रिया का पासपोर्ट जब्त कर लिया, खुद को उसका पति बताने लगा और उसे परेशान करने लगा। दस्तावेज़ वापस लेने की कोशिश में प्रिया ने 2017 में महदी को बेहोश करने के लिए दवा दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
इस मामले में 2018 से प्रिया को गिरफ्तार कर किया गया है और 2020 में यमनी अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है
सजा पर फिलहाल रोक
निमिशा प्रिया की फांसी 16 जुलाई को होनी थी लेकिन ग्रैंड मुफ्ती के हस्तक्षेप और भारतीय कूटनीतिक प्रयासों के बाद इसे टाल दिया गया। यमनी राष्ट्रपति राशद अल अलीमी और हूथी नेता महदी अल मशात ने भी 2024-25 में सजा को मंजूरी दी थी जिससे यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी है और न्यूज की हेडलाइन बनी हुयी है .